ब्लैक कार्बन क्या है ?
ब्लैक कार्बन जीवाश्म ईंधन , लकड़ी और अन्य ईंधन के अपूर्ण दहन द्वारा उत्सर्जित कनिकीय पदार्थ (particulate Matter=PM) हैं।जो वायुमंडल के ताप को बढ़ाता है तथा यह वायुमंडल में उत्सर्जन के कुछ दिनों से सप्ताहों तक स्थिर रहने वाला एक अल्पकालिक जलवायु प्रदूषक है।
इस छोटी अवधि के दौरान ब्लैक कार्बन (Black carbon) जलवायु , हिमनद क्षेत्रो , कृषि और मानव स्वस्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष और परोक्ष प्रभाव डाल सकता है।
ब्लैक कार्बन के प्रभाव :
जलवायु पर प्रभाव :
ब्लैक कार्बन तापवृद्धि मे सहायक है कियोंकि यह प्रकाश को अवशोषित करने और निकटवर्ती वातावरण की ऊष्मा की वृद्धि मे अत्यधिक प्रभावी है।
यह बादल निर्माण के साथ -साथ क्षेत्रिय परिसंचरण और वर्षा को भी प्रभावित करता है, साथ ही बर्फ तथा हिम पर निक्षेपित होने पर ब्लैक कार्बन और सह-उत्सर्जित कण एल्बिडो प्रभाव (सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करने की क्षमता ) को कम करते है।
तथा सतह के तापमान में वृद्धि करते है, इसके परिणामस्वरूप आर्कटिक और हिमालय जैसे ग्लेशियर क्षेत्रो में बर्फ पिघलने लगती है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव:
(¡) ब्लैक कार्बन और इसके सह-प्रदूषक सूक्ष्म कनिकीय पदार्थ (PM 2.5) वायु प्रदूषक के प्रमुख घटक है।
(¡¡) इनसे होने वाले रोग है:- हृदय और फेफड़ो के रोग , स्ट्रोक, हार्टअटैक, चिरकालिक स्वसन रोग जैसे- ब्रॉन्काइटिस, गंभीर अस्थमा तथा अन्य कार्डियो -रेस्पिरेटरी लक्षणो सहित वयस्को में समयपूर्ण मृत्यु।
वनस्पति और परिस्थितिकी तन्त्र पर प्रभाव –
- (¡) ब्लैक कार्बन अनेक प्रकार से परिस्थितिकी तन्त्र के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। यह पौधों पर जमा हो जाता है तथा अनेक तापमान मे वृद्धि कर देता है।यह पृथ्वी पर आपतित सूर्यताप में कमी लाता है तथा वर्षा प्रतिरुप को भी परिवर्तित कर देता है।
- (¡¡) वर्षा प्रतिरुप में परिवर्तन के पारिस्थितिकी तन्त्र और मानव आजीविका दोनो के लिए दूरगामी परिणाम हो सकते है, उदाहरण- यह मानसून में अवरोध उत्त्पन करता है,जो एशिया और अफ्रीका के बृहद क्षेत्रों में कृषि के लिए महत्वपूर्ण है।
- (¡¡¡) ब्लैक कार्बन में वृद्धि के कारण हिमरेखा के समीप हिम्-आच्छादित क्षेत्र के विस्तार मे कमी के साथ-साथ मूल्यवान औषधीय जड़ी बूटियों के विलुप्तता होने जैसे प्रभाव दृष्टिगत होते है।.
( मनीष कुमार स्टालिन )